गाँठो मायाको पोको, नाखोलेकै राम्रो राजा /
माया मनैमा छ भनि, नबोलेकै राम्रो राजा //
यति सुन्दर हुन्छ, मनोभाव निर्दोष हुँदा /
प्रित नजानेर झट्ट, नाघोलेकै राम्रो राजा //
कति गर्छौ भन्छौ भने,यति उति भन्ने हुन्न/
व्यर्थै मायाको मोल, नातोलेकै राम्रो राजा //
भित्र पिडा बानिरा'छ, नदेख्छौ त्यो तिम्ले कहिँ?
प्रित जन्जाल दर्दले, नपोलेकै राम्रो राजा //
घाउ बन्दो रैछ यो त, नदेखिने गरि मनमा /
मायाको झुट्टो टन्टा, नामोलेकै राम्रो राजा //
सीता सुबेदी "प्रकृति"
२०६७/०६/२१ मा
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